‘छबियों की चित्रगंध फैल मनभावनी’ के माध्यम से कवि यह समझाना चाहता है कि जीवन में जो अनेक सुंदर, रंग-बिरंगी यादों के मनभावन चित्र हैं उनके आसपास मनभानवी सुगंध फैली है। कवि कहना चाहता है कि प्रेयसी का रूप-रंग तो आकर्षक है ही साथ ही उसके तन की मादक गंध अब भी मन को मोहनेवाली है।