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Comprehension

प्रस्तुतं गद्यांशम्‌ आधारीकृत्य निम्नलिखिताः प्रश्नाः समाधेयाः -

अथ का नाम संस्कृतिः ? मनसः आत्मनः च संस्कारः परिष्कारः इति संस्कृतिः । संस्कृतिः मनः निर्मलं करोति । विश्वसंस्कृतिषु भारतीय संस्कृतिः प्राचीनतमा । भारतीय संस्कृतेः आदर्शवाक्यानि सन्ति --- 'सर्वे भवन्तु सुखिनः', 'वसुधैव कुटुम्बकम्‌', 'आत्मवत्‌ सर्वभूतेषु, 'अहिंसा परमोधर्मः', 'मातृवत्‌ परदारेषु परद्रव्येषु लोष्ठवत्‌' इत्यादीनि । भारतीय संस्कृतिः धर्मप्रधाना, वर्णाश्रम - व्यवस्थायुक्ता चास्ति । कर्मफलं, पुनर्जन्म, मोक्षवादः च अस्या∶ प्रमुखाः सिद्धान्ताः सन्ति । सत्यस्य, त्यागस्य, अहिंसायाः च अत्र महत्त्वं वर्तते । विश्वहितस्य मूलभूताः भावनाः भारतीयसंस्कृतौ उपलभ्यन्ते ।


1. तमप्‌ 
2. तल्‌ 
3. क्त
4. त्व

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Correct Answer - Option 4 : त्व

प्रश्न का हिन्दी अनुवाद - 'महत्त्वम्' में कौन सा प्रत्यय है?

स्पष्टीकरण - 

  • पद - महत्वम् 
  • प्रकृति - महत्
  • प्रत्यय - त्व

सूत्र - तस्य भावः त्व – तलौ

भाव वाचक संज्ञा बनाने के लिए शब्दों से त्व और तल् (ता) प्रत्यय का योग होता है - 

त्व/तल् प्रत्यय के उदाहरण

  • मूर्ख + त्व / तल् = मूर्खत्वम् / मूर्खता
  • विद्वत् + त्व / तल् = विद्वत्तम् / विद्वता
  • महत् + त्व / तल् = महत्त्वम् / महत्ता

अतः उचित पर्याय 'महत्त्वम्' में 'त्व' प्रत्यय होता है। 

प्रत्यय:- ‘प्रति’ उपसर्ग पूर्वक ‘इण्’ धातु से ‘अच्’ प्रत्यय होकर प्रत्यय पद निष्पन्न होता है। जिसका अर्थ होता है वे शब्द या शब्दांश जो अन्य शब्द के अन्त में जुड़कर नये सार्थक शब्दों का निर्माण करते हैं प्रत्यय कहलाते है। जैसे- गम् + क्त्वा = गत्वा। प्रत्यय पाँच प्रकार के होते हैं-

नाम

परिभाषा

उदाहरण

विभक्ति

मूल धातु या प्रातिपदिक से पद बनाने के लिये जुड़ते है। सुप् और तिङ्ग इनके अन्तर्गत आते हैं।

पठ् + तिप् = पठति

राम + सु = रामः

कृत्

धातु के अन्त में जुड़ते हैं।

धृ + क्तिन् = धृति

तद्धित

शब्दों के अन्त में जुड़ते हैं।

श्रेष्ठ + तमप् = श्रेष्ठतम्

स्त्रीप्रत्यय

पुं. स्त्री. में परिवर्तित करने के लिए जुड़ता है।

बालक + टाप् = बालिका

धातु-अवयव

प्रत्यय से पूर्व जुड़ने वाला प्रत्यय होता है।

पठ् + णिच् + तिप् = पाठयति

पठ् + णिच् + शतृ = पाठयन्

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