विस्मरण के कारणों के स्पष्टीकरण के लिए एक सिद्धान्त प्रस्तुत किया जाता है जिसे अनुप्रयोग का सिद्धान्त कहते हैं। यह एक जीवशास्त्रीय सिद्धान्त है। इस जीवशास्त्रीय सिद्धान्त के अनुसार विस्मरण का अनुपयोगिता (Disuse) से गहरा सम्बन्ध है और इसी कारण विस्मृति, मस्तिष्क की एक निष्क्रिय मानसिक क्रिया’ कही जाती है। यदि याद किये गये अनुभवों, तथ्यों या पाठ को समय-समय पर दोहराया नहीं जाएगा तो मस्तिष्क में उनके स्मृति-चिह्न धीरे-धीरे विलुप्त हो जाते हैं। और हम उन्हें भूल सकते हैं। अतः सीखी गयी वस्तुओं को बार-बार दोहराकर उन्हें प्रयोग में लाना आवश्यक है, अन्यथा अनुप्रप्रयोग के कारण उनकी स्मृति दुर्बल या नष्ट हो सकती है।