सन् 1857 ई० में अंग्रेजी शासकों की अत्याचारपूर्ण तथा दमनकारी नीति के विरुद्ध भारतीयों ने अपनी स्वतन्त्रता के लिए सशस्त्र क्रान्ति की, जिसे भारतीय इतिहास में 1857 की महाक्रान्ति, 1857 ई० की क्रान्ति, प्रथम स्वाधीनता संग्राम तथा सैनिक क्रान्ति आदि नामों से जाना जाता है। कुछ विद्वान 1857 की क्रान्ति को सैनिक क्रान्ति मानते हैं क्योंकि भारतीय सैनिक अंग्रेज अफसरों के व्यवहार से असन्तुष्ट थे इसलिए उन्होंने सशस्त्र क्रान्ति की थी। परन्तु कुछ विद्वानों ने इसे राष्ट्रीय स्वतन्त्रता संग्राम कहा क्योंकि इस क्रान्ति का प्रारम्भ तो सैनिकों ने किया किन्तु शीघ्र ही इसने जन-क्रान्ति का रूप धारण कर लिया था। इस क्रान्ति में हिन्दू और मुसलमान दोनों ने ही समान रूप से भाग लिया था। आम जनता में अंग्रेजों के विरुद्ध व्यापक असन्तोष था, केवल किसी अनुकूल अवसर की आवश्यकता थी, जिसे 1857 ई० की सैनिक क्रान्ति ने पूर्ण किया।