खान अब्दुल गफ्फार खाँ को ‘सीमान्त गांधी’ कहा जाता है। वे पश्चिमोत्तर सीमा प्रान्त (पेशावर के मूल निवासी) के निर्विवाद नेता थे। वे कांग्रेस के नेता तथा लाल कुर्ती नामक संगठन के समर्थक थे। सच्चे गांधीवादी, अहिंसा व शान्ति के समर्थक होने के कारण उनको ‘सीमान्त गांधी’ कहा जाता था। वे द्वि-राष्ट्र सिद्धान्त के विरोधी थे। संयोग से उनकी आवाज की अनदेखी की गई और ‘पश्चिमोत्तर सीमा प्रान्त’ को पाकिस्तान में शामिल मान लिया गया।