गाँव के युवक रमेश, नरेश, निमेष, अविनाश पंचायत के अधिकारियों द्वारा किए जा रहे घोटालों से नाराज थे और अनशन पर बैठे थे। जब पदाधिकारियों ने उनकी बात का जवाब न दिया, तो उन्होंने पंचायत कार्यालय पर पत्थरबाजी शुरू कर दी। इसके द्वारा वे अपने हाथों से पत्थरबाजी का कमाल दिखाना चाहते थे।