सघन या कम सघन जनसंख्या के जहां लाभ हैं, वहां उनकी हानियां भी हैं। इनका संक्षिप्त वर्णन इस प्रकार है –
सघन जनसंख्या के लाभ –
- सरकार सघन जनसंख्या वाले क्षेत्रों के विकास की ओर विशेष ध्यान देती है।
- सघन जनसंख्या वाले क्षेत्रों में औद्योगिक विकास की गति बहुत तेज़ होती है।
- सघन जनसंख्या होने के कारण उद्योगों के लिए सस्ते श्रमिक आसानी से मिल जाते हैं।
- अधिक जनसंख्या वाले क्षेत्र उद्योगों में तैयार माल की खपत के लिए अच्छी मण्डी का काम करते हैं।
- अधिक जनसंख्या वाले क्षेत्रों में यातायात के साधनों का विकास तेज़ी से होता है।
- जनसंख्या अधिक होने के कारण स्कूल, कॉलेज आदि शिक्षा केन्द्र बड़ी संख्या में खोले जाते हैं।
- अधिक सघन क्षेत्र साईंस और तकनीकी की दृष्टि से विकसित होते हैं।
- ऐसे क्षेत्र आर्थिक दृष्टि से भी काफ़ी उन्नत होते हैं।
सघन जनसंख्या घनत्व की हानियां-
- सघन जनसंख्या के कारण लोगों के रहने के लिए घरों या आवास की समस्या पैदा हो जाती है। लोगों को मजबूर होकर झुग्गी झोंपड़ियों में रहना पड़ता है। इससे गंदी बस्तियों का विकास होता है।
- जनसंख्या अधिक होने पर महंगाई बढ़ जाती है। इसलिए दैनिक प्रयोग की वस्तुओं तथा अन्य आवश्यक वस्तुओं की कमी हो जाती है। इससे जमाखोरी तथा भ्रष्टाचार को बढ़ावा मिलता है।
- अधिक जनसंख्या वाले क्षेत्रों में बीमारियां या महामारियां फैलने का डर बना रहता है। (4) युद्ध के समय सघन जनसंख्या वाले क्षेत्रों को सबसे अधिक हानि उठानी पड़ती है।
कम सघन जनसंख्या घनत्व के लाभ-
- कम सघन क्षेत्रों में जनसंख्या कम होने के कारण लोगों की आवश्यकताएं आसानी से पूरी हो जाती है।
- लोगों को रहने के लिए सस्ते घर प्राप्त करने में कठिनाई नहीं आती।
- ऐसे क्षेत्रों में लोग प्राकृतिक साधनों का पूरा आनन्द उठा सकते हैं।
- स्वास्थ्य की दृष्टि से कम जनसंख्या वाले क्षेत्र अच्छे होते हैं।
कम सघन जनसंख्या की हानियां –
- कम सघन क्षेत्रों में यातायात के साधनों का विकास पूरी तरह से नहीं हो पाता।
- उद्योगों के विकास के लिए श्रमिकों की कमी होती है या फिर श्रम बहुत महंगा होता है।
- जनसंख्या कम होने के कारण तैयार माल की खपत के लिए मण्डियों की कमी होती है।
- लोगों को आधुनिक सुविधाएं पूरी तरह से प्राप्त नहीं हो पाती क्योंकि ये क्षेत्र पिछड़े रह जाते हैं।