वैद्युत द्विध्रुव के कारण अक्षीय स्थिति पर विद्युत क्षेत्र की तीव्रता-एक वैद्युत द्विध्रुव को इस प्रकार रखा गया है
तब +q आवेश के कारण P पर उत्पन्न विद्युत् क्षेत्र की तीव्रता का परिमाण
– q आवेश के कारण P पर उत्पन्न विद्युत् क्षेत्र की तीव्रता का परिमाण
∴ P पर परिणामी विद्युत् क्षेत्र की तीव्रता का परिमाण
∵ \(\vec{p}\) की दिशा ऋण आवेश से धन आवेश की ओर होती है अतः \(\vec{E}\) व \(\vec{p}\) एक ही दिशा में होंगे। इस प्रकार सदिश रूप में समी. (3) को निम्न प्रकार व्यक्त करेंगे-
यही अभीष्ट व्यंजक है।