अशोक प्रधान
गली नं. 4
दौसा रोड
जयपुर
दिनांकः 13.03.20_ _
प्रिय मनोरम
स्नेह!
आजकल तुम बहुत खुश होगे। मुझे घर से समाचार मिला कि तुमने इस बार दसवीं की परीक्षा में 95 प्रतिशत अंक पाए हैं तथा पूरे विद्यालय में प्रथम स्थान प्राप्त किया है। तुम्हें बहुत-बहुत बधाई!
पिताजी बता रहे थे कि वे तुम्हारे लिए नई मोटर साइकिल खरीदने की योजना बना रहे हैं। तुमने पुरस्कार में मोटर साइकिल माँगी होगी। प्रिय मनोरम! मैं चाहता हूँ कि तुम मोटर साइकिल की जगह कोई और चीज ले लो। मोटर साइकिल लेने में दो परेशानियाँ हैं। पहली यह कि अभी तुम 18 साल के नहीं हुए हो। जब भी गाड़ी चलाओगे, पुलिस द्वारा पकड़े जाने का डर रहेगा। इस चक्कर में तुम सड़क पर आँख बचाकर निकलोगे।
भय और बचाव के कारण तुम्हें दुख अधिक मिलेंगे, सुख कम। दूसरे, अगर तुमने नई मोटर साइकिल ले ली तो इस पर सवारी करने का मन भी करेगा। तब तुम्हारा ध्यान पढ़ाई से हटकर सैर-सपाटे में लगेगा। आगे 11-12 कक्षा की पढ़ाई है। मैं चाहता हूँ कि तुम्हारा ध्यान इधर-उधर न भटके। इसलिए मोटर साइकिल दो साल बाद लेना।। आशा है, तुम मेरे सुझाव का सम्मान करोगे।
तुम्हारा भाई
अशोक प्रधान