वर्तमान में अधिकांश देशों में मृत्यु-दर घट रही है। पिछली शताब्दी में बढ़ती हुई मृत्यु-दर को नियंत्रित करके उसे बहुत कम कर देना एक अविश्वसनीय उपलब्धि रही है।
जनांकिकीय अध्ययनों के आधार पर मृत्यु क्रम में गिरावट आने के निम्नलिखित कारण हैं –
(1) सामाजिक सुधारों का गहन प्रभाव:
- 19वीं सदी के मध्य में शहरों के पर्यावरण में काफी सुधार किया गया।
- कार्य की दशाओं में काफी क्रांतिकारी परिवर्तन किए गए, जिसका अच्छा प्रभाव लोगों के स्वास्थ्य पर पड़ा।
- देशों में कारखानों के नियम निश्चित किए गए, जिनके द्वारा बच्चों एवं औरतों के काम करने के अधिकतम घंटों को निर्धारित किया गया।
- कार्य करने की कम-से-कम उम्र में वृद्धि की गई तथा काम करने के भौतिक वातावरण में सुधार किए गए।
(2) आर्थिक विकास एवं आय में वृद्धि हो जाना:
- आय बढ़ने के कारण लोगों के जीवन स्तर में सुधार हुआ।
- आर्थिक विकास के परिणामस्वरूप सार्वजनिक स्वास्थ्य सेवाओं में सुधार हुआ।
- आर्थिक विकास के होने से महामारियों पर भी नियंत्रण कर लिया गया, जिसके कारण मृत्यु – दर में अत्यधिक कमी आई।
(3) जनस्वास्थ्य कार्यक्रमों का तीव्र विकास:
- इन कार्यक्रमों से संक्रामक रोगों से होने वाले मृत्यु को नियंत्रित किया गया है।
- इन कार्यक्रमों से लोगों के स्वास्थ्य में भी सुधार हुआ है।
(4) स्वयं की एवं वातावरण की स्वच्छता:
- 19वीं सदी के अंत तक पानी में वाटर-फिल्टर का प्रयोग प्रारम्भ हो गया था।
- पानी से उत्पन्न बीमारियों जैसे पीलिया, हैजा, प्लेग तथा पेचिश से होन वाली मौतों पर नियंत्रण किया गया।
- स्वयं की स्वच्छता के लिए भी लोगों ने अनेक वस्तुओं का प्रयोग किया।