मालवजी के पिता शिवाजी की सेना में सिपाही थे। उन्होंने देश की रक्षा के लिए अपने प्राण दे दिए थे। उनको मरे दो वर्ष हो गए। तब से मालवजी और उसकी माँ ने किसी तरह अपना गुजारा किया। परंतु पिछले तीन महीनों से उन्हें पेट – भर अन्न मिलना मुश्किल हो गया था।
मालवजी अपनी इसी बुरी दशा के बारे में सोच रहा था। उसी समय एक सैनिक ने आकर मालवजी से कहा कि यदि तुम शिवाजी का वध कर दो तो मैं तुम्हें धन दूंगा। उसी धन के लालच में मालवजी शिवाजी का वध करने के लिए तैयार हो गया।