1. महिलाओं के बढ़ते कदम - एक तरफ हवाई चप्पल और सूती साड़ी पहने ममता बनर्जी, दूसरी तरफ अनूठी डिजायन वाली साड़ी से सजी सँवरी जयललिता, सबसे बड़े राजनीतिक गठबन्धन की नेता सोनिया गांधी, बसपा की कमान संभालती मायावती, राजस्थान की मुख्यमन्त्री वसुन्धरा राजे, ये वे प्रमुख महिलाएँ हैं, जो पुरुषों के वर्चस्व वाली दुनिया की राजनीति को बखूबी सँभाल रही हैं। इसी प्रकार अन्य अनेक महिलाएँ उल्लेखनीय हैं, जो शिक्षा, बैंकिंग, प्रशासनिक तथा व्यावसायिक क्षेत्रों में महिलाओं का सम्मान बढ़ा रही हैं।
अब प्रत्येक क्षेत्र में महिलाओं का वर्चस्व बढ़ रहा है और उनके कदम नये इतिहास की ओर बढ़ रहे हैं। भगवान की मूरत, सहनशक्ति की सूरत और देश दुनिया का अस्तित्व है महिला। आज उच्च से उच्च शिक्षा ग्रहण कर वह पुरुष से आगे कदम बढ़ा रही है। छोटी इकाई पंचायतों में सरपंच पद पर और राष्ट्रपति तक के पद की शोभा बढ़ाई है इसने। चूल्हा-चौका तक सीमित रहने वाली नारी अब अपने अधिकारों के प्रति जागरूक हो गई है। जिससे एक सशक्त परिवार, समाज और देश का निर्माण हो रहा है।
2. लादेन खत्म हुआ- आतंकवाद नहीं ओसामा बिन लादेन मारा जा चुका है, परन्तु आतंकवाद अभी जीवित है। ओसामा बिन लादेन नृशंस, क्रूर एवं कट्टरतावादी आतंकी था। वह पहले तो सारे पाकिस्तान को अपने कब्जे में करना चाहता था और फिर भारत को। उसकी योजना के अनुसार ही प्रतिदिन पाकिस्तानी सीमा से भारत में आतंकवादियों की घुसपैठ हो रही थी और यहाँ पर नरसंहार का षड्यन्त्र रचा जा रहा था।
खैर, ओसामा बिन लादेन मारा गया, परन्तु उसकी मौत के बाद भारत में अन्य आतंकवादी संगठन जिस तरह आतंकी हमले करवा रहे हैं, इससे यही कहा जा सकता है कि लादेन का खात्मा भले ही हो गया, परन्तु अभी आतंकवाद खत्म नहीं हुआ, क्योंकि आतंकवाद निरन्तर फैल रहा है।
3. भारतीय संगीत की पहचान : आशा भौंसले कहते हैं प्रतिभाएँ गढ़ी नहीं जातीं, वे स्वयं अवतरित होती हैं। प्रतिभा को जन्मजात ईश्वरीय देन माना जाता है और वह सामान्य व्यक्ति में भी स्वतः उबुद्ध हो जाती है। भारतीय संगीत के क्षेत्र में लता मंगेशकर तथा आशा भौंसले ऐसी उभरीं कि कोई गायक उनके आस-पास नजर नहीं आता।
आशा भौंसले मास्टर दीनानाथ मंगेशकर की पुत्री तथा लता मंगेशकर की छोटी बहिन हैं। महज दस वर्ष की उम्र में ही आशा को गायन का पहला मौका मिला, फिर उन्होंने कभी पीछे मुड़कर नहीं देखा और निरन्तर आगे बढ़ती हुई संगीत की विशिष्ट कलाकार बन गईं। भारतीय संगीत की विशिष्ट पहचान के रूप में आशा भौंसले का अवदान संगीत-प्रेमियों के लिए सदा श्रद्धास्पद रहा है।