कीट परागित पौधों की निम्न विशेषताएँ होती हैं-
(i) पुष्प बड़े, रंगयुक्त तथा आकर्षक होते हैं।
ii) पुष्प की पंखुड़ियाँ बड़ी होती हैं। छोटी होने की स्थिति में पुष्प के अन्य भाग बड़े तथा आकर्षक हो जाते हैं। पोइनसेटिया की पत्तियाँ फूल वाले भाग में अंशतः या पूर्णतः रंगीन होते हैं। मुसेंडा का कैलिकस (sepal) आकर्षक होता है।
(iii) छोटे फूल एक-साथ गुच्छे में खिलते हैं। या संयुक्त होकर एक सिर बनाते हैं। उदाहरण-सूर्यमुखी।
(iv) इनके खिलने का एक खास वक्त होता है तभी परागणकर्ता भी उपस्थित रहता है।
(v) इनसे मकरंद स्रावित होता है जो कीटों को पोषण देता है।
(vi) परागकणों की बाह्य सतह काँटेदार, चिपकने वाली होती है जो परागकिट कहलाती है तथा कीटों में आसानी से चिपक जाती है।
(vii) बहुत सारे फूलों के परागकण खाने योग्य होते हैं जिन्हें कीट खाते हैं। जैसे-गुलाब, मैग्नोलिया।