परभक्षी (बाघ) की जनसंख्या में कमी होने से शिकार (हिरण) की संख्या में वृद्धि हो सकती है। शिकार की अधिक संख्या में वनस्पतियों की खपत अधिक होगी तथा शाक की कमी हो जायेगी। पौधों की जनसंख्या में कमी से हिरणों की संख्या में भूख, प्रवास और मृत्यु से कमी होगी।