चित्र में बिन्दु A एवं B के बीच तीन प्रतिरोधक, जिनके प्रतिरोध क्रमश: R1, R2 तथा R3 है, पार्श्वक्रम या समांतरक्रम में जुड़े हुए दिखाए गए हैं। बैटरी द्वारा परिपथ में प्रवाहित धारा I है। बिन्दु A पर यह धारा तीन भागों में बँट जाती है। मान लिया कि R1, R2, एवं R3, प्रतिरोध वाले प्रतिरोधकों से क्रमशः I1, I2 तथा I3 धारा प्रवाहित होती है। बिन्दु B पर तीनों धाराएँ मिलकर पुनः मुख्य धारा I बन जाती हैं।
अतः, I = I1 + I2 + I3 .....(i)
मान लिया कि A और B बिन्दुओं के बीच विभवांतर B के बीच जुड़ा है, अतः प्रत्येक के सिरों के बीच विभवांतर है। चूँकि प्रत्येक प्रतिरोधक A और ही होगा। अतः, ओम के नियम से,
\(I_1 = \frac {V}{R_1},I_2 = \frac {V}{R_2}\) तथा \(I_3 = \frac {V}{R_3}\)
इन मानों को समीकरण (i) में रखने पर,
\(I =\frac {V}{R_1} +\frac {V}{R_2} + \frac {V}{R_3}\) ......(ii)
यदि A और B बिन्दुओं के बीच समतुल्य प्रतिरोध Rp हो (चित्र b), तो ओम के नियम से,
\(I = \frac {V}{R_P}\) ..... (iii)
समीकरण (ii) एवं (iii) की तुलना करने पर,
\(\frac {V}{R_P} = \frac {V}{R_1} + \frac {V}{R_2} + \frac {V}{R_3}\) या, \(\frac {1}{R_P} = \frac {1}{R_1} + \frac {1}{R_2} + \frac {1}{R_3}\)