व्यवरोधों के रूप में दी गई असमिकाओं को समीकरण रूप में व्यक्त करने पर,
x = 3 ….(1)
x + y = 5 …(2)
x + 2y = 6 …(3)
y = 0
असमिका x + y ≥ 5 द्वारा प्रदर्शित क्षेत्र –
रेखा x + y = 5 निर्देशी अक्षों को बिंदु A(5, 0) तथा B(0, 5) पर मिलती है। x + y = 5 के मानों के लिए सारणी
A(5, 0); B(0, 5) बिंदु A(5, 0) तथा B(0, 5) को अंकित कर रेखा का आलेख खींचते है। असमिका में मूल बिंदु को प्रतिस्थापित करने पर 0 + 0 = 0 ≥ 5 असमिका को सन्तुष्ट नहीं करता है। अतः सुसंगत हल क्षेत्र मूल बिंदु के विपरीत ओर होगा।
असमिका x + 2y ≥ 6 द्वारा प्रदर्शित क्षेत्र– रेखा x + 2y = 6 निर्देशी अक्षों को बिंदु C(6, 0) तथा D(0, 3) पर मिलती है। x + 2y = 6 के मानों के लिए सारणी
C(6, 0); D(0, 3) बिंदु C(6, 0) तथा D(0, 3) को अंकित करते हुये रेखा का आलेख खींचते हैं। असमिका में मूलबिंदु को प्रतिस्थापित करने पर 0 + 2(0) = 0 ≥ 6 असमिका को सन्तुष्ट नहीं करती है। अत: सुसंगत हल क्षेत्र मूल बिंदु के विपरीत ओर होगा।
असमिका x ≥ 3, y ≥ 0 द्वारा प्रदर्शित क्षेत्र रेखा x = 3 का आलेख y के प्रत्येक मान के लिये प्रथम पाद में होगा तथा y = 0 का क्षेत्र भी प्रथम पाद,में ही होगा ।
आलेख से स्पष्ट है कि दी गई असमिकाओं का कोई उभयनिष्ठ हल क्षेत्र नहीं है। अत: दिये गये व्यवरोधों के लिये उद्देश्य फलन का कोई अधिकतम मान विद्यमान नहीं है।