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निम्नलिखित गद्यांश को ध्यानपूर्वक पढ़कर उस पर आधारित दिए गए प्रश्नों के लिए सर्वाधिक उपयुक्त उत्तर बाले विकल्प चुनकर लिखिए :

गरमियों के दिन 'छुट्टी और यात्रा' पर जाने के दिन होते हैं। 'छुट्टी पर जाने' का यह अनुराग काफ़ी आधुनिक है, क्योंकि लोग 'कर्मोन्मत्त' बन गए हैं और वे जो कुछ भी करते हैं या नहीं करते हैं, वह उनके लिए तनाव पैदा करता है। पहले 'छु‌ट्टी' शब्द मूल रूप से धार्मिक दिनों के लिए इस्तेमाल होता था; आजकल इसका मतलब सामान्य दिनों के विपरीत आराम या विश्राम का कोई विशेष दिन है। लेकिन असली सवाल है कि छु‌ट्टी पर जाने से पहले क्या आपका मन और शरीर नई जगह का आनंद लेने की स्थिति में है? यात्रा की सारी तैयारी बाहरी होती है, लोग विश्राम की भाषा पूरी तरह भूल चुके हैं।

जब आप कुछ नहीं करते, तो यह मत सोचना कि समय बर्बाद हो रहा है। कुछ न करने के दौरान आपकी ऊर्जा खुद को स्वस्थ करती है। सतत काम करते रहने का जुनून ही आपको छु‌ट्टी का आनंद नहीं लेने देता। आप जहाँ हैं, वहाँ मौजूद रहना सीखें, इसका अर्थ है अभी और यहीं होना । बाहरी दुनिया के बिना जीवित रहना सीखें। इसका स्पष्ट मतलब है, अपने साथ रहना शुरू करें, खुद को जानना सीखें। छुट्टी का मतलब यह कदापि नहीं कि आप सिर्फ कामकाज से दूरी बनाएँ, बल्कि अपने मन, उसके दबावों और उलझनों से भी दूरी बनाइए।

(i) 'छुट्टी पर जाने का यह अनुराग काफ़ी आधुनिक है' पंक्ति का आशय है-

(A) प्राचीन समय में लोग छु‌ट्टियों का आनंद घर पर ही लेते थे।

(B) छु‌ट्टियों में घर से बाहर जाने का प्रचलन वर्तमान समय की देन है।

(C) वर्तमान समय में छुट्टियों के प्रति प्रेम बढ़ा है।

(D) कार्यस्थलों/शिक्षा केन्द्रों में छुट्टी पर जाने का प्रचलन बढ़ा है।

(ii) 'कर्मोन्मत्त' शब्द का अर्थ है -

(A) कार्य से विमुख

(B) कार्य करने का आदी

(C) कार्य न करने का आदी

(D) आराम करने का आदी

(iii) यात्रा पर निकलने से पहले क्या आवश्यक है?

(A) गंतव्य स्थल की जानकारी हासिल करना

(B) गंतव्य स्थल की टिकट बुक कराना

(C) आवश्यक सामान को बैग में डालना

(D) तन और मन को आनंद लेने के लिए तैयार करना

(iv) गद्यांश के अनुसार कुछ न करने से भी समय बर्बाद नहीं होता, क्यों ?

(A) शरीर की ऊर्जा नष्ट नहीं होती।

(B) शरीर की ऊर्जा खुद को स्वस्थ करती है।

(C) हम आत्मावलोकन करते हैं।

(D) तन और मन को विश्राम मिलता है।

(v) 'जहाँ हैं, वहाँ मौजूद रहना' का अभिप्राय है-

(A) निर्धारित स्थल पर उपस्थित रहना।

(B) बिना हिले-डुले एक स्थान पर बने रहना।

(C) एक ही स्थान पर लंबे समय तक बने रहना।

(D) शारीरिक उपस्थिति के साथ मानसिक उपस्थिति का होना।

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(i) 'छुट्टी पर जाने का यह अनुराग काफ़ी आधुनिक है' पंक्ति का आशय है-

(B) छु‌ट्टियों में घर से बाहर जाने का प्रचलन वर्तमान समय की देन है।

(ii) 'कर्मोन्मत्त' शब्द का अर्थ है -

(A) कार्य से विमुख

(iii) यात्रा पर निकलने से पहले क्या आवश्यक है?

(D) तन और मन को आनंद लेने के लिए तैयार करना

(iv) गद्यांश के अनुसार कुछ न करने से भी समय बर्बाद नहीं होता, क्यों ?

(B) शरीर की ऊर्जा खुद को स्वस्थ करती है।

(v) 'जहाँ हैं, वहाँ मौजूद रहना' का अभिप्राय है-

(D) शारीरिक उपस्थिति के साथ मानसिक उपस्थिति का होना।

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