नगरीय समाज में कस्बा, नगर, और महानगर तीन प्रमुख आवासीय स्थल होते हैं। इन तीनों की अवधारणा निम्नलिखित है:
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कस्बा (Town): कस्बा एक छोटा शहर या गाँव होता है जो बड़े शहरों से छोटा होता है। यह अक्सर ग्रामीण क्षेत्रों के निकट स्थित होता है और एक संगठित विकास और नगरीय सुविधाओं के साथ सामाजिक जीवन को बदल देता है। कस्बा में छोटे-छोटे व्यापार, व्यवसाय, और सामाजिक संगठन होते हैं। यहाँ लोग अक्सर कृषि, व्यापार, और संचार के आधार पर अपना जीवन जीते हैं।
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नगर (City): नगर एक बड़ा आवासीय स्थल होता है जो बहुत से कस्बों और गाँवों के समूहों का संगठित रूप से समन्वित होता है। यहाँ पर बड़े बाजार, विभिन्न उद्योग, सरकारी और गैर-सरकारी संगठन, शिक्षा संस्थान, स्वास्थ्य सेवाएं, और अन्य सार्वजनिक सुविधाएं होती हैं। नगर अक्सर अपने बढ़ते हुए आधुनिकता और विकास के कारण लोगों की ध्यानाकर्षण केंद्र बन जाता है।
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महानगर (Metropolitan City): महानगर एक और बड़ा नगर होता है जो एक या अधिक नगरों या शहरों के संगठित समूह का समावेश करता है। यहाँ पर भारी आबादी, बड़े उद्योग, अन्तर्राष्ट्रीय व्यापार, संचार, परिवहन, और सांस्कृतिक गतिविधियाँ होती हैं। महानगरों में आधुनिक और उन्नत सामाजिक, आर्थिक, और सांस्कृतिक सुविधाएं होती हैं और यहाँ के लोग अक्सर उच्च जीवनाधार की ओर प्रवृत्ति करते हैं।
इन तीनों स्तरों की अवधारणाएं नगरीय समाज के स्तरों की व्यवस्था करती हैं, जिसमें लोगों का आवास, रोजगार, शिक्षा, स्वास्थ्य, और अन्य आवश्यकताओं को पूरा करने की सुविधा होती है।