परम्परागत सत्ता और करिश्माई सत्ता में अंतर – परम्परागत सत्ता और करिश्माई सत्ता में निम्नलिखित अंतर हैं-
परम्परागत सत्ता – इस प्रकार की सत्ता का आधार परम्पराएँ एवं इतिहास होता है। इसमें यह माना जाता है कि जो व्यक्ति या वंश परम्परा के अनुसार सत्ता का प्रयोग कर रहा है। सत्ता उसी के पास बनी रहनी चाहिए। इस प्रकार की सत्ता में तर्क व बुद्धिसंगतता का अभाव देखने को मिलता है। इस प्रकार की सत्ता का उदाहरण है – घर में वृद्धजनों की सत्ता।
करिश्माई सत्ता – इस प्रकार की सत्ता किसी व्यक्ति के व्यक्तिगत गुणों व चमत्कार पर आधारित होती है। इसमें जनता उस व्यक्ति के निर्देश पर बड़े से बड़ा त्याग करने को तैयार रहती है। इसमें सत्ता का आधार भावनाएँ होती हैं। इस प्रकार की सत्ता का उदाहरण हैं-इन्दिरा गाँधी की सत्ता, अटलबिहारी वाजपेयी की सत्ता एवं नरेन्द्र मोदी की सत्ता आदि।