(क) अधिगमन-जीव एक क्षेत्र से दूसरे क्षेत्र में लंबी दूरी या कम दूरी का संचालन करते हैं। कई जीव जो कि उड़ान भरते हैं या तैरते हैं, वे विस्तृत अभिगमन को अपनाते हैं।
(ख) समतापमंडल-वायुमंडल में 30-35 किमी. तक क्षोभमंडल के ऊपर का भाग समतापमंडल कहलाता है। इसकी भी जीवनरक्षणी ओजोन को परत पाई जाती है जो सूर्य से आने वाली पराबैंगनी किरणों का अवशोषण करती हैं।
(ग) समुदाय-पौधों, प्राणियों, जीवाणुओं तथा कवकों की जनसंख्याओं का एकत्रीकृत समूह जो एक ही क्षेत्र में रहता है तथा आपस में पारस्परिक क्रिया करती हैं। समुदायों में एक खास प्रजाति की बनावट तथा संरचना होती है।
(घ) जीवमंडल-भूमंडलीय स्तर पर पृथ्वी पर स्थित सभी स्थलीय तथा जलीय पारितंत्र मिलकर जीवमंडल का निर्माण करते हैं।