घासस्थल पारिस्थितिक तंत्र में वृक्षहीन शाकीय पौधों के आवरण रहते हैं जो कि विस्तृत प्रकार की घास जाति (फैमिली पोएसी) द्वारा प्रभावी रहते हैं।
घास के साथ कई तरह के तृणेतर (द्विबीजपत्री जाति) हैं, खासकर फली के नाइट्रोजन व्यवस्था में महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाती है।
घासस्थल में पेड़ों तथा झाड़ियों का सर्वथा अभाव होता है किन्तु सवाना में पेड़ों तथा झाड़ियों के क्षेत्र पाए जाते हैं। अधिकतर सवाना मानवकृत होते हैं। सभी सवाना की उत्परि मौलिक उष्णकटिबंधीय वनों के अपघटन से हुई है।