जिस आवास में कोई जीव रहता है वहाँ उसके जीवित रहने, प्रजनन करने के लिए अनुकूल वातावरण पाया जाता है। जब प्राकृतिक आवास को मानवीय क्रियाओं यथा वनोन्मूलन, आग, निम्नभूमि की भराई आदि द्वारा खत्म कर दिया जाता है तो जीव को दो मुश्किलों का सामना करना पड़ता है- (i) प्रजनन दर में कमी, (ii) पलायन (स्थानांतरण)।
दोनों ही परिस्थितियों में जीव का अस्तित्व संकट में होता है।
दूसरी जगह पर स्थानांतरण से नए परिवेश में नए प्रकार के प्रतियोगियों के साथ संघर्ष उन्हें तितर-बितर कर देता है।
वन का एक टुकड़ा जो शस्यभूमि, फलोहान, रोपित पेड़-पौधों या शहरी क्षेत्र से घिरा हो, विखंडित आवासों का उदाहरण है। अधिशोषण के फलस्वरूप किसी जाति विशेष का माप इतना घट जाता है। कि वह जाति विलुप्त हो जाती है।