कृत्रिम बौद्धिकता (आर्टीफीसियल इंटेलीजेंस) के बढ़ते कदम
कृत्रिम बौद्धिकता या आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) एक प्रौद्योगिकी है जो मानव बुद्धि को मूल रूप से नकल करती है। इसका बढ़ता प्रभाव विभिन्न क्षेत्रों में देखा जा रहा है। AI के विकास से व्यावसायिक क्षेत्र, सेवा क्षेत्र, और औद्योगिक क्षेत्र में क्रियात्मकता और उत्पादकता में वृद्धि हुई है। हालांकि, यह तकनीकी उन्नति के साथ कुछ संभावित खतरे भी लाती है, जैसे कि असंतुलन, नैतिकता की अभाव, और आर्थिक विषाद। इसलिए, इस प्रौद्योगिकी के विकास में सतर्कता बनाए रखने की आवश्यकता है।
जब मुझे मेरा निजी स्मार्ट फोन मिला
मेरे पास मेरा पहला निजी स्मार्ट फोन कुछ साल पहले मिला। यह एक विशेष पल था क्योंकि यह मेरे जीवन का एक महत्वपूर्ण मोड़ था। मैंने उसे अपनी पहचान का एक प्रतीक माना। उसके साथ एक अवर्णनीय खुशी का अनुभव हुआ, जैसे कि नए विश्व का खुलना। मैंने उसके माध्यम से मित्रों और संबंधियों के साथ बेहतरीन संवाद किए और खुशी को बाँटा।
दैव-दैव आलसी पुकारा
"दैव-दैव आलसी पुकारा" का अर्थ है कि आलस्य सबसे बड़ा शत्रु है। यह कथन हमें यह बताता है कि आलस्य केवल हमें संघर्ष करने से दूर रखता है। सफलता केवल कर्म से ही हासिल होती है, और आलस्य कर्म को अवरुद्ध करता है। इसलिए, हमें कभी भी आलस्य को अपने जीवन से दूर रखना चाहिए और प्रत्येक कार्य को संवेदनशीलता से निभाना चाहिए।