"जाति" शब्द का अर्थ विभिन्न समाजों में वर्गीय या सामाजिक विभाजन को संदर्भित करता है। यह शब्द भारतीय समाज में विशेष रूप से प्रयुक्त होता है, जहां इसका अर्थ अधिकतर जाति व्यवस्था के संदर्भ में होता है।
"जाति" के द्वारा व्यक्तियों को उनके जन्म के आधार पर विभाजित किया जाता है, और इसमें उनकी सामाजिक पहचान, व्यवसाय, और सांस्कृतिक विशेषताएँ शामिल होती हैं। जाति व्यवस्था किसी समाज में सामाजिक और आर्थिक विभाजन का स्रोत होती है और अक्सर वार्षिक आय, व्यवसाय, और सांस्कृतिक प्रथाओं पर आधारित होती है।
जाति व्यवस्था भारतीय समाज में विभिन्न रूपों में मौजूद है और इसमें विभिन्न जातियों के लोगों के बीच सामाजिक संबंध, विवाह, और व्यवसायिक व्यवहारों की परंपरागत नियमितता शामिल होती है। इसके साथ ही, जाति के साथ आर्थिक, सामाजिक, और राजनीतिक असमानता का भी तेजी से संवर्धन होता है, जिससे समाज के विभाजन और आर्थिक विकास को प्रभावित किया जाता है।