Use app×
Join Bloom Tuition
One on One Online Tuition
JEE MAIN 2025 Foundation Course
NEET 2025 Foundation Course
CLASS 12 FOUNDATION COURSE
CLASS 10 FOUNDATION COURSE
CLASS 9 FOUNDATION COURSE
CLASS 8 FOUNDATION COURSE
0 votes
35 views
in Sociology by (90 points)
edited by
ग्रामीण समाजशास्त्र का अर्थ विशेषता एवं प्रकार का वर्णन करें

Please log in or register to answer this question.

1 Answer

0 votes
by (25.2k points)

"ग्रामीण समाजशास्त्र" का अर्थ है गाँवों या ग्रामीण क्षेत्रों की समाजिक व्यवस्था, संरचना, संगठन, और समाजिक प्रक्रियाओं का अध्ययन। यह एक अन्वेषणीय क्षेत्र है जो गाँवी और शहरी समाज के भिन्नताओं और सामाजिक विकास के प्रकारों को समझने के लिए महत्वपूर्ण है। ग्रामीण समाजशास्त्र के क्षेत्र में गाँवों के अंदर की संरचनाएँ, संगठन, सामाजिक संवाद, आर्थिक विकास, शिक्षा, स्वास्थ्य, और गाँवी रोजगार के अध्ययन शामिल होते हैं।

ग्रामीण समाजशास्त्र की विशेषताएँ:

  1. अन्वेषणीय: ग्रामीण समाजशास्त्र एक अन्वेषणीय और अनुसंधान-मूलक क्षेत्र है जो गाँवी जीवन, संरचना, और संगठन के विभिन्न पहलुओं का अध्ययन करता है।

  2. इंटरडिस्किप्लिनरी: यह अध्ययन विभिन्न शाखाओं जैसे समाजशास्त्र, आर्थिक विकास, कृषि, राजनीति, और विकासशास्त्र के संदर्भ में अनुशासित होता है।

  3. समाजिक विकास केंद्रित: ग्रामीण समाजशास्त्र ग्रामीण क्षेत्रों के सामाजिक और आर्थिक विकास के प्रक्रियाओं के अध्ययन पर केंद्रित है।

  4. आधुनिकता की समझ: यह अध्ययन ग्रामीण समाज की आधुनिकता, तकनीकी विकास, और विभिन्न आर्थिक और सामाजिक प्रक्रियाओं की समझ में मदद करता है।

ग्रामीण समाजशास्त्र के प्रमुख प्रकार:

  1. ग्रामीण संरचना एवं आधुनिकीकरण: इसमें गाँवी समाज की संरचना, आधुनिकीकरण प्रक्रियाएँ, और ग्रामीण क्षेत्रों के विकास के प्रकारों का अध्ययन होता है।

  2. ग्रामीण सामाजिक विज्ञान: यह ग्रामीण क्षेत्रों में समाजिक संरचना, संगठन, संवाद, और सामाजिक बदलाव के विभिन्न पहलुओं का अध्ययन करता है।

  3. ग्रामीण विकास अनुसंधान: इसमें ग्रामीण क्षेत्रों के विकास, समृद्धि, और उनकी सामाजिक संरचना के प्रकारों का अध्ययन होता है।

  4. ग्रामीण अर्थशास्त्र: यह गाँवों के आर्थिक प्रोफाइल, कृषि, उद्यमिता, और ग्रामीण अर्थव्यवस्था के अध्ययन पर केंद्रित होता है।

  5. ग्रामीण प्रशासनिक अनुसंधान: इसमें ग्रामीण क्षेत्रों में प्रशासनिक प्रक्रियाओं, सार्वजनिक नीतियों, और प्रशासनिक संरचनाओं का अध्ययन किया जाता है।

ग्रामीण समाजशास्त्र का अध्ययन गाँवी और शहरी जीवन के भिन्नताओं को समझने में मदद करता है और ग्रामीण क्षेत्रों के सामाजिक और आर्थिक विकास को समर्थन करने के लिए नीतियों को आधारित करता है।

Related questions

Welcome to Sarthaks eConnect: A unique platform where students can interact with teachers/experts/students to get solutions to their queries. Students (upto class 10+2) preparing for All Government Exams, CBSE Board Exam, ICSE Board Exam, State Board Exam, JEE (Mains+Advance) and NEET can ask questions from any subject and get quick answers by subject teachers/ experts/mentors/students.

Categories

...