रसारोहण का मार्ग (Path of Ascent of Sap) – पादपों में किए गए विभिन्न प्रयोगों द्वारा यह सिद्ध हो चुका है कि जड़ द्वारा अवशोषित जल और खनिज लवण संवहन तन्त्र की जाइलम वाहिकाओं (Xylem vessels) तथा वाहिनिकाओं (Tracheids) द्वारा होता है। इसे नीचे दिए गए प्रयोग से प्रदर्शित किया जा सकता है।
प्रयोग – बालसम (गुलमेंहदी) (Balsam impatiens) पादप की जड़ काटकर इसके कटे सिरे को सैफ्रेनिन के विलयन में दो या अधिक घण्टों के लिए डुबोकर रखते हैं। सैफ्रेनिन एक लाल रंग का अभिरंजक है जो केवल लिग्निन युक्त पादप ऊतकों (जाइलम दृढ़ोतक) को अभिरंजित करता है। दो घण्टे रखने के पश्चात् बालसम पौधे की पत्तियों की शिराएँ लाल दिखने लगती हैं। इस अवस्था में पत्ती, पर्णवृन्त अथवा शाखा के अनुप्रस्थ काट को | सूक्ष्मदर्शी में देखने पर सैफ्रेनिन को लाल रंग केवल जाइलम नलिकाओं में ही दृष्टिगत होता है। अत: इस प्रयोग से यह सिद्ध होता है कि पादपों में रसारोहण की क्रिया केवल जाइलम ऊतकों द्वारा ही होती है।